Monday 27 June 2011

कोयल

कोयल


मीठे-मीठे बोल सुनाती
फिरती डाली-डाली
सब का ही मन मोहित करती
प्यारी कोयल काली ।

बाग-बाग में पेड़-पेड़ पर
मधुर स्वरों में गाती
रूप नहीं, गुण प्यारे सबको,
सबको यह समझाती ।

मीठी-मीठी बातें कहकर
सब कितना सुख पाते
मीठी-मीठी बातें सुनकर
सब अपने हो जाते ।

कहती कोयल प्यारे बच्चो
तुम भी मीठा बोलो
प्यार भरी बातों से तुम भी
सब के प्यारे हो लो 

-त्रिलोक सिंह ठकुरेला 

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